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हमर बिआह - 4

फोटो देखला के बाद आब मिलय लेल मन बेचैन होबय लागल. लागैत छल 10 दिन बाद आबय वाला जन्मदिन अखने आबि जाय. घुरि-फिर के आबि आ लिफाफा सं फोटो निकालि निहारय लागि. किएक कतहुं आओर मन लागत.

हमर मनक स्थिति देख डेरा के पास रहय वाला गामक एकटा लड़का के पता चलि गेल जे अगुआ सभ डायरेक्ट हिनके पास ठमकि गेल छलन्हि. बिआहक गप्प चलि रहल छनि. ओकरा पता चलिते दिल्ली मे गाम के रहय वाला सभ हमतुरिया दोस सभ के कानों-कान खबर भ गेलन्हि.
हमर गाम के आबादी के हिसाब सं देखल जाय त रोड कात मे गुप्ताजी सभ आओर बाकी मे कायस्थ...ब्राह्मणक बेसि आबादी छन्हि. लालाजी सभ के बेसि आबादी होबाक कारणे सभ एक-दोसरा के नाम के अंत मे लाल लगा कs पुकारैत छथिन्ह. गाम मे लोक सभ हमरो हित लाल के नाम सं पुकारैत छलाह.

हमतुरिया मे हम सभ एक-दु क्लास आगां-पाछां के लडका सभ संगे घुमलौं-फिरलौं...हंसी-मजाक करलौं... मस्ती करलौं. आब दिल्लीओ अएला के बाद शेखर लाल... सुमनलाल... राजीवलाल... उदयलाल... विनोद लाल... मनोजलाल सभ बीच-बीच मे मिलैत रहलौं... गाम घर के गप्प होएत रहल.

हमर बिआहक बात सुनतहिं सभ शनि दिन सांझ मे धमकि गेलाह. पार्टी होबाक चाही. हम शाकाहारी छी. मुदा मैथिल के पार्टी बिना माछ–चिकेन के भए नहिं सकैत अछि. पर्स सं पाई निकालि राजीव लाल चिकेन लाबय चलि गेलाह... विनोदलाल एक कैरेट भरि कs बीयर ल अएलाह... शेखरलाल दोसर चीज सभके ओरिआन मे लागि गेलाह. सुमनलाल मिठाई...नमकीन लs अएलाह. उदयलाल किचेन के भार संभारि खाना बनाबय लेल जे लड़का के राखने छलहुं ओकरा निर्देश देबय लगलाह... प्याज छिल त लहसुन छिल... मसाला ला त तेल ला. चूंकि हमरा लेल शाकाहारी खाना सेहो बनय के रहय ताही लेल उदयलाल के कनि बेसि प्रयास करय पड़ि रहल छलन्हि.

नौ बजे राति के करीब बोतल खुलि गेल... चिखना मे उबलल अंडा...हल्दीराम के भुजिया... दालमोट...मुंगफली...फ्राई काजू...सलाद राखल गेल. हम शराब त नहिं पिबय छी मुदा संग देबय लेल गप्प करैत भुजिया... सलाद खायत संग देबय लगलहुं. अगुआ...वरतुहार पर गप्प होय लागल. हम कहलिएन्ह जे लड़की के बाबूजी ओर भाय आएल छलखिन्ह. फोटो दs गेल छथिन्ह. आब सभ फोटो देखय लेल मारि करय लागल. फोटो देखतहिं शेखरलाल उछलि पड़ल आओर जोर सं बोलि पड़ल- अरे ई तो श्वेतबा है...

ई कि ? सभ भौंचक... ई केना जानैत अछि ?

शेखर- एकर जन्मपत्री त हमरा संग छ हितलाल ! ई सीएम साइंस कॉलेज के मैथ के एचओडी वीरेन्द्रबाबू के बेटी छथीह. कॉलेज के कोन लड़का नहिं हिनका चिन्हैत छल. कॉलेज के सभ सं सुन्नर लड़की. सभ लड़का हिनका पर फिदा...श्वेता सं बतिआय लेल लड़का सभ बहाना खोजैत छल. मुदा वीरेन्द्रबाबू के लs क सभ डरितो छल.


वीरेन्द्र बाबू हमर छोटका कका के संगी छलखिन्ह. कका के कहला पर हम हुनका घरों पर गेलहुं. ओतबे पता लागल जे श्वेता वीरेन्द्र सर से बेटी छथीह. ओहि के बाद हमर हुनका घर आना- जाना शुरू... ट्यूशन सेहो धs लेलहुं हुनका सं. श्वेता के चक्कर मे एकबेर बस स्टैंड के पाछा जे विनयआ रहय छ ओकरा सं झगड़ो भs गेल रहय कॉलेज मे. कि कहिअ भाय.. एक बेर देखबs त अपना मे नहिं रहबह. ओकरे लेल स्पैलंडर मोटरसाइकिल सेहो लेलहुं. अपना दिस स कोनो मौका नहिं जाय दी.. खूब हंसी-मजाक...घुमनाय- फिरनाय सभ होए. मुदा राखी दिन सभ गुड़ गोबर भ गेलह ... श्वेता के फोन आएल आबय लेल... दौड़ते गेलहुं. मुदा कि पता छल जे ओ पहिने सं राखी लs तैयार अछि...जानतहुं त जएबो नहिं करतौं.

मुदा हम ओकर मुसकी देखि ई आस मे कि कोन ठिकान...ई सभ दुनिया के दिखाबय लेल होए...लागल रहलौं... हमहुं साला पगला... पाछां-पाछां लागल रहलौं. इंटर कएला के बाद त दिल्लीए आबि गेलहुं. ओना पिछला दिन गाम गेल छलहुं त कका कहैत छलाह जे ओ बंगलौर सं आईआईएम कs रहल छथीह.

विनोदलाल- लs हितलाल... तोरा सं बेसि त शेखरलाल सं जानपहचान छनि. अपना धरि इहो बड़ कोशिश करलक. मुदा अपना त ओतेक देर वेट नहिं करय छिअ. जे होए तुरंत... न या छ तुरंत . अपन त हरदम तैयार... शर्ट के जेब मे हनुमान चालीसा त पेंट के जेब मे कंडोम...नहिं जानि कखन कि काज आबि जाय.

सभ हंसय लागल...हा-हा-हा-हा-हा...

हमरा रहल नहिं गेल. विनोद के झाड़ैत कहलिएन्हि- ई बुड़ि ...गप्प हांकय छ… बोलनाय दोसर गप्प छै ओर करनाय दोसर... ऑफिसे मे त पचासों टा लड़की छ... एकोटा तोरा संग अएलह कि नहिं? फर्क इहे छै जे तों सभ लड़की मे एकेटा चीज देखैत छsह आओर लड़की सभ लड़का मे सं सिर्फ एकेटा के देखैत छै. बुझलह कि नहिं.

हमरा तमसाएल देखला पर सुमनलाल बात संभारैत बोलय- भाय जे होए... फोटो देखि त लगैत छ जोड़ी मस्त रहतs.
हा-हा-हा-हा-हा...

विनोदलाल- आओर आब शेखर त साला सेहो भ s गेलह.

हा-हा-हा-हा

उदयलाल- तोरा हाथ नहिं लगलह... दोसर ककरो सं त चक्कर नहिं छलई न ?

शेखरलाल- नहिं भाय... कैरेक्टर पर कोनो सवाल नहिं उठा सकय छ. असल मे ओ एतेक दिल के साफ... हेल्पिंग नेचर के... हंसमुख... मिलनसार छै नहिं जे लोक गलत मायने निकलि लैत अछि. हमरो संग सेहो कहि सकय छ. ओना आई काल्हि के छौरा सभ के कि कहबह... जे लड़की नहिं मिलतह... ओकरा बारे मे दस तरहक हल्ला उठा देतह. ओ एहन छै त ओ ओहन छै.

हा-हा-हा-हा

शेखर- आओर हितलाल अपने जेहन छथि हंसमुख... मिलनसार... दोसर के दर्द समझय वाला छथि ओहि हिसाब सं दुनु के जोड़ि हिट रहतन्हि.

हा-हा-हा-हा

गप्प करैत राति के दु बाजि गेल...नौकरबा के कहलौ छोटू खाना लगाबय... खाना खएला के बाद एक बेर फेर श्वेता के गप्प शुरू भ गेल.

9 टिप्‍पणियां:

  1. Ahan sab ke neek laagal hamar mehnat saphal bha gel...ehina utsaah barhaabait rahiyau... dhanyawad

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  2. सुन्दर...अति सुन्दर । मन प्रसन्न भ गेल । बड़ नीक कहानी ।

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  3. वाह ! मजा आबि गेल...

    सुरेश यादव

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  4. सर...लाजवाब कहानी अछि अहांके…हेलो मिथिला पर....एखन त पहिल प्रेम के शुरुआते तक आयल अछि...अहां जहि स्थित सं गुजरलौ ओही स्थिति स हम सेहो गुजरि रहल छी...लेकिन हुनकर फोटो हमरा बड्ड पसंद नहि आयल..ओ हमरा सं तकरीबन रोज चैट करैत छथि...लेकिन हमर इच्छा अछि जे भेट क ली..ओ दिल्लीये मे रहै छथि...लेकिन डर होईत अछि जे अगर भेट भेला पर हम रिजेक्ट क देलियै त बड्ड खराब बात हेतैक..अपना आप के हम माफ नई क सकब...की करी फुरा नहि रहल अछि...कारण जे ओहो लड़की बुझै छैक जे ओकर पिता हमरा ओत ओकर बायोडाटा भेजने छथिन्ह...ओना ओ सब तरहे काबिल अछि...की करी बुझा नहि रहल अछि...

    sushant jha

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  5. मन प्रसन्न भ गेल ,वाह ! मजा आबि गेल,

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  6. Bahut dinak bad maithili main etek neek prem prasang per kich padhbak lel bhetal.... man prasaan bhaa gel ... agala kadi ke intaj main chhi..

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