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दिन-रात

दिन
मेरे जीवन को
उजाले से
भर देता
मैं उसको
दूर से ही
जी
भरके देखा करता
सपने बुनता
गाने गाता
हंसता
मुस्कुराता
पर
रात
मेरे जीवन में भी
अंधेरा
ला देती
और
मैं उनको
देखने के लिए
सुबह
की प्रतिक्षा में
रात भर
करवटें
बदलता रहता

3 टिप्‍पणियां:

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