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जितिया पावनि

मिथिला मे महिला सभक बीच एकटा सभस लोकप्रिय पावनि अछि जितिया. ओना ई पावनि पूरा यूपी-बिहार केर महिला सभ करय छथिन्ह. हमर मां... दीदी... भाभी सभ कएने छथिन्ह. ई 21 सितम्बर के नहाय खाय सं शुरू भेल... 22 केर पूरा निराहार आओर निर्जला केर संग उपवास आओर 23 केर भोरे- भोर पारण. मिथिला मे एहि पावनि के सभ सं भारी पावनि कहल जाएत अछि. एकटा कहावत सेहो अछि जितिया पावनि बड़ भारी...धिआ पुता के ठोकि सुतएलौं अपने खएलौं भरि थारी.
एहि पावनि के पुत्र केर कामना... पुत्र केर दीर्घायु होबय केर लेल कएल जाएत अछि. एक तरहे कहि सकय छी जे एहि पावनि के मां अपन बेटा केर लेल करय छथिन्ह. उपवास कs कष्ट झेलय छथिन्ह. कहल जाएत अछि जे एहि अनुष्टान सं व्रती के शारीरिक सुख के अलावा कइटा रोग सं मुक्ति मिलैत छनि. व्रत के प्रभाव सं पुत्र-पौत्र सदा आरोग्य रहय छथिन्ह. उपवास केर बाद जीमोहन धारण कएला सं वंशक वृद्धि आओर समृद्धि होएत अछि. उपवास केर बाद राजा जीमूतवाहन केर कथा सेहो सुनल जाएत अछि. उपवास केर बाद पारण केर समय कई तरहक पकवान... खनाय- पिनाय होएत अछि. भोरे- भोर सुतले मे सं नेना-धिया-पुता के उठा कs नीक नीक चीज खाय लेल मिलैत अछि. मिठाई सभ सेहो मिलैत अछि.

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